बोटाद जिले के बारे में जानकारी हिंदी में : विशेषता, पर्वत, विद्यापीठ, तालाब/झील, घूमने के स्थान ..
बोटाद जिले के बारे में जानकारी हिंदी में
जिला मुख्यालय : बोटाडो
जिले का गठन: बोटाद जिले का गठन 15 अगस्त 2013 को अहमदाबाद और भावनगर जिलों से किया गया था।
स्थान और सीमा: बोटाद जिला उत्तर में सुरेंद्रनगर और अहमदाबाद जिलों, पूर्व में भावनगर जिले, दक्षिण में अमरेली जिले और पश्चिम में राजकोट जिले से घिरा है।
क्षेत्रफल (वर्ग किमी में) : 2564
तालुक (कुल 04): (1) बोटाद (2) गढ़ड़ा (3) बरवाला और (4) रणपुर
विशेषता:
- (1) बोटाद जिले को 'सौराष्ट्र का प्रवेश द्वार' माना जाता है।
- (2) गड्डा स्वामीनारायण संप्रदाय का तीर्थ स्थल है।
- कुल गांव : 192
- कुल जनसंख्या : 6,52,556
- कुल पुरुष जनसंख्या : 3,40,405
- कुलमहिला जनसंख्या : 3,12,151
- लिंग अनुपात (प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाएं): 917
- शहरी जाति अनुपात : 901
- ग्रामीण जाति अनुपात: 952
- शिशु जाति अनुपात : 885
- शहरी शिशु जाति अनुपात : 861
- ग्रामीण शिशु जाति अनुपात : 899
- जनसंख्या घनत्व (व्यक्ति प्रति वर्ग किमी) : 255
- कुल साक्षरता : 76.84 प्रतिशत
- पुरुष साक्षरता: 86.15 प्रतिशत
- महिला साक्षरता: 66.92 प्रतिशत
- शहरी साक्षरता: 88.14 प्रतिशत 7
- ग्रामीण साक्षरता : 72.19 प्रतिशत
नदियाँ: (1) सुखभद्र (2) घेलो (3) नीलका (4) कालाभर (5) केरी और (6) गोमा
नदियों के किनारे बसे नगर : (1) रणपुर (सुकभद्र नदी) (2) गढ़ड़ा (घेलो नदी) (3) भीमनाथ (नीलका नदी)
फसलें : यहाँ गेहूँ, ज्वार, बाजरा, कपास, अमरूद, मूंगफली
सब्जियों, धान, प्याज आदि की फसलें उगाई जाती हैं।
खनिज: यहाँ कैल्साइट पाया जाता है।
उद्योग: हीरा उद्योग और सीमेंट उद्योग फला-फूला।
महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन: बोटाद, भीमनाथ, जलीला रोड, सालंगपुर रोड, रानपुर आदि।
विद्यापीठ : (1) नूतन ग्राम विद्यापीठ, गढ़ड़ा (2) जेपी कुमारखा ग्राम विद्यापीठ, गढ़दा
घूमने के स्थान:
- बोटाद जिला मुख्यालय है। यह राष्ट्रीय शिर झावेरचंद मेघानी की कर्मभूमि है।
- सालंगपुर : यहां हनुमानजी का एक बड़ा और प्रसिद्ध मंदिर है। यहां का स्वामीनारायण मंदिर भव्य और शानदार है।
- भमनाथ : नीलका नदी के तट पर महादेव का एक बड़ा और प्रसिद्ध मंदिर है।
- गढ़ा गढ़ा घेलो नदी के तट पर स्थित स्वामीनारायण संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहाँ भगवान स्वामीनारायण का मूल स्थल और अक्षर पुरुषोत्तम संस्था द्वारा निर्मित एक भव्य मंदिर है।
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